लेखनी कहानी -13-Mar-2024
उदास देखकर मुझको उदास रहने लगे। जो दूर रहते थे हमसे वह पास रहने लगे। 🌹 मेरे ख़यालों में रहती है मेरी होशरूबा। उसे जब सोच लिया बद हवास रहने लगे। 🌹 वह ज़ी शऊर है जी़शान है मगर फिर भी। खु़दी में टूट के खु़द से उदास रहने लगे। 🌹 "सगी़र" देख कर उसके मुहब्बतों की खुशी। उसी खुशी के लिए हम उदास रहने लगे।
Varsha_Upadhyay
14-Mar-2024 04:46 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
14-Mar-2024 03:14 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Abhinav ji
14-Mar-2024 09:19 AM
Nice👍
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